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हस्त रेखा - प्रेम प्रसंग और विवाह रेखा


हस्त रेखा

प्रेम प्रसंग और विवाह रेखा

 प्रेम प्रसंग और शादी से जुड़ी बातें जानने के लिए हथेली की विवाह रेखा का अध्ययन मुख्य रूप से किया जाता है।


विवाह रेखा से जुड़ी खास बातें

 विवाह रेखा का स्थान - हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार, विवाह रेखा से किसी भी व्यक्ति के प्रेम प्रसंग और वैवाहिक जीवन पर विचार किया जाता है। विवाह रेखा सबसे छोटी उंगली (Little Finger) के नीचे वाले भाग पर आड़ी स्थिति में होती है। छोटी उंगली के नीचे वाले भाग को बुध पर्वत कहा जाता है। विवाह रेखा एक या एक से अधिक भी हो सकती है।

थोड़े-थोड़े समय में कई रेखाएं बदलती रहती हैं। जबकि कुछ खास रेखाएं ऐसी हैं, जिनमें ज्यादा बदलाव नहीं होते हैं। इन महत्वपूर्ण रेखाओं में जीवन रेखा, भाग्य रेखा, हृदय रेखा, मणिबंध, सूर्य रेखा, विवाह रेखा शामिल है।

विवाह रेखा से जुड़ी खास बातें

1.    यदि किसी व्यक्ति के हाथ में विवाह रेखा और हृदय रेखा के बीच की दूरी बहुत ही कम है तो ऐसे लोगों का विवाह कम उम्र में होने की संभावनाएं होती हैं। आमतौर पर विवाह रेखा और हृदय रेखा के बीच की दूरी ही व्यक्ति के विवाह की उम्र बताती है। इन दोनों रेखाओं के बीच जितनी अधिक दूरी होगी विवाह उतने ही अधिक समय बाद होता है। ऐसी संभावनाएं काफी अधिक रहती हैं।

2.  यदि किसी पुरुष की केवल एक ही रेखा हो और वह स्पष्ट तथा अन्त तक गहरी हो तो ऐसा जातक एक या पति या पत्नीव्रता होता है और वह अपनी पत्नी या पति से अत्यधिक प्रेम भी करता है। 

3.   यदि किसी व्यक्ति की हथेली में विवाह रेखा लम्बी और सूर्य पर्वत तक जाने वाली है तो यह संपन्न और समृद्ध जीवन साथी का प्रतीक होता है।

4.    दोनों हाथों में विवाह रेखा समान लंबाई की और समान शुभ लक्षणों वाली हो तो ऐसे लोगों का वैवाहिक जीवन सुखी होता है।

5.      विवाह रेखा अपने उद्गम स्थान पर गहरी तथा चौड़ी हो, परन्तु आगे चलकर पतली हो गई हो तो यह समझना चाहिए कि जातक या जातिका प्रारम्भ में अपनी पत्नी या पति से अधिक प्रेम करती है, परन्तु बाद में चलकर उस प्रेम में कमी आ गई है।

 

6.    यदि किसी व्यक्ति के दोनों हाथों में विवाह रेखा की शुरुआत में दो शाखाएं हों तो उस व्यक्ति की शादी टूटने का डर रहता है।

 

7.  यदि किसी स्त्री के हाथ में विवाह रेखा की शुरुआत में द्वीप का चिह्न हो तो ऐसी स्त्री की शादी किसी धोखे से होने की संभावनाएं रहती हैं। साथ ही, यह निशान जीवन साथी के खराब स्वास्थ्य की ओर भी इशारा करता है।

 

8.   यदि किसी व्यक्ति के हाथ में विवाह रेखा बहुत अधिक नीचे की ओर झुकी हुई दिखाई दे रही है और वह हृदय रेखा को काटते हुए नीचे की ओर चले जाए तो यह शुभ लक्षण नहीं माना जाता है। ऐसी रेखा वाले व्यक्ति के जीवन साथी की मृत्यु उसकी मौजूदगी में ही हो सकती है।


9.     यदि बुध पर्वत से आई हुई कोई रेखा विवाह रेखा को काट दे, तो व्यक्ति का वैवाहिक जीवन परेशानियों भरा होता हैसाथ ही यदि विवाह रेखा बीच में टूटी हो तो यह विवाह टूटने का संकेत माना जाता है|


10.   यदि विवाह रेखा के अंत में किसी सांप की जीभ के समान दो शाखाएं हों जाती है, तो यह पति-पत्नी के बीच वैचारिक मतभेद पैदा करती है। 

11.   यदि किसी पुरुष के बाएं हाथ में दो विवाह रेखा हैं और दाएं हाथ में एक विवाह रेखा है तो ऐसे लोगों की पत्नी श्रेष्ठ होती है। इन लोगों की पत्नी बहुत अधिक प्रेम करने वाली और पति का ध्यान रखने वाली होती है। 

 

12.   यदि दाएं हाथ में दो विवाह रेखा हैं और बाएं हाथ में एक विवाह रेखा है तो ऐसे लोगों की पत्नी अधिक ध्यान रखने वाली नहीं होती है।

 

13.    यदि किसी व्यक्ति के हाथ में विवाह रेखा ऊपर की ओर मुड़ रही हो और छोटी अंगुली के तल तक पहुंच जाए तो ऐसे व्यक्ति के विवाह में काफी परेशानियां आती हैं। आमतौर पर ऐसी विवाह रेखा वाले इंसान का विवाह होना बहुत मुश्किल होता हैइन लोगों के अविवाहित रहने की संभावनाएं काफी अधिक होती हैं।


14.  यदि विवाह रेखा के अंत में त्रिशूल के समान चिह्न दिखाई दे रहा है तो व्यक्ति अपने जीवनसाथी से बहुत अधिक प्रेम करने वाला होता है। इनके आपस का प्रेम अत्यधिक होता है। ऐसा भी हो सकता है कि कुछ वर्षों बाद ऐसा व्यक्ति जीवन साथी के प्रति उदासीन भी हो जाता है।

 

15.    यदि किसी व्यक्ति की हथेली में विवाह रेखा के प्रारंभ में तिल है तो यह जीवन साथी के बुरे स्वास्थ की ओर इशारा करता है।


16.    यदि विवाह रेखा के आरंभ में द्वीप चिन्ह हो तो विवाह धोखे से होने की संभावनाएं रहती हैं। ये निशान जीवन साथी के खराब स्वास्थ की ओर इशारा करता है।


17.   यदि विवाह रेखा किसी वर्ग के समान चिन्ह दिखाई दे रहा है तो यह जीवन साथी के खराब स्वास्थ का संकेत देता है।


18.   अगर आपके गुरु पर्वत पर क्रास का साइन है और आपका विवाह रेखा भी एकदम स्पष्ट और सीधा है तो यह आपके प्रेम विवाह होने के योग को बताता है।

19.  अगर हाथ में हृदय रेखा गुरु के क्षेत्र तक पहुंचती है या फिर ऊपर उठी होती है तो यह भावुकता की ओर इशारा करता है, ऐसे जातक प्रेम विवाह ही करेगा।

20. शुक्र क्षेत्र की स्थिति अँगूठे के निचले भाग में होती है। जिन व्यक्तियों के हाथ में शुक्र पर्वत अधिक उठा हुआ होता है। उन व्यक्तियों का स्वभाव विपरीत सेक्स के प्रति तीव्र आकर्षण रखने वाला तथा वासनात्मक प्रेम की ओर झुकाव वाला होता है।

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