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शकुन एवं अपशकुन - कुत्ता सबंधी

  1. कुत्ता यदि अचानक धरती पर अपना सिर रगड़े और यह क्रिया बार-बार करे तो उस स्थान पर गड़ा धन होने की संभावना होती है।
  2. यदि यात्रा करते समय किसी व्यक्ति को कुत्ता अपने मुख में रोटी, पूड़ी या अन्य कोई खाद्य पदार्थ लाता दिखे तो उस व्यक्ति को धन लाभ होने की संभावना बनती है।
  3.  जिसके घर में कोई कुत्ता बहुत देर तक आकाश, गोबर, मांस, विष्ठा देखता है तो उस मनुष्य को सुंदर स्त्री की प्राप्ति और धन का लाभ होने के योग बनते हैं।
  4.  यदि किसी रोगी के सामने कुत्ता अपनी पूंछ या ह्रदय स्थल बार-बार चाटे तो शकुन शास्त्र के अनुसार बहुत ही जल्दी उस रोगी की मृत्यु होने की संभावना रहती है।

शकुन एवं अपशकुन - छींक सबंधी

  1. यदि घर से निकलते समय कोई सामने से छींकता है तो कार्य में बाधा आती है, लेकिन एक से अधिक बार छींकता है तो काम आसानी से पूरा हो जाता है।
  2. व्यापार आरंभ करने से पहले छींक आना व्यापार में सफलता का सूचक है।
  3.  कोई मरीज यदि दवा ले रहा हो और छींक आ जाए तो वह शीघ्र ही ठीक हो जाता है।

अंगों के फड़कने का फल

अंगों के फड़कने  का फल का सामान्य सिधान्त  - पुरुष के शरीर के दाएं भाग में फड़कता है तो उसे जल्द ही कोई बड़ी खुशखबरी सुनने को मिल सकता है। पुरुष के शरीर का अगर बायां भाग फड़कता है तो भविष्य में उसे कोई दुखद घटना झेलनी पड़ सकती है।  जबकि महिलाओं के मामले में यह उलटा है, यानि उनके बाएं हिस्से के फड़कने में खुशखबरी और दाएं हिस्से के फड़कने पर बुरी खबर सुनाई दे सकती है।

आंखो के फड़कने  का फल -
  1. अगर व्यक्ति की दाईं आंख फड़कती है तो यह इस बात का संकेत है कि उसकी सारी इच्छाएं पूरी होने वाली हैं और अगर उसकी बाईं आंख में हलचल रहती है तो उसे जल्द ही कोई अच्छी खबर मिल सकती है।  

शकुन एवं अपशकुन - सांप से सबंधी

  • कोई व्यक्ति यदि सफेद सांप देखता है तो यह एक शुभ शकुन माना जाता है। ऐसा होने पर व्यक्ति को कार्यों में सफलता मिलती है।
  • किसी मंदिर में सांप दिखना भी शुभ माना जाता है। ऐसा होने पर व्यक्ति की मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं।
  • शिवलिंग पर यदि सांप लिपटा हुआ दिखाई दे तो यह भी बहुत शुभ शकुन होता है। ऐसा होने पर व्यक्ति को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
  • यदि किसी व्यक्ति को सांप पेड़ पर चढ़ता दिखाई देता है तो उसे समझ लेना चाहिए कि आने वाले समय में कुछ अच्छा होने वाला है। सामान्यत: ये एक शुभ शकुन है और धन मिलने की संभावनाओं को दर्शाता है।

शकुन एवं अपशकुन - गाय से सबंधी

गाय से सबंधी शकुन 

  • सफर करते समय यदि बांई ओर से गाय की आवाज सुनाई दे तो यह शुभ माना जाता है।
  • रात के समय अगर गाय हुंकार भरती या पुकारती है, तो यह ही शुभ शकुन माना जाता है।
  •  किसी को गाय आधी रात में रंभाती या रोती हुई दिखाई दे, तो सफर में डराने वाली परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।
  • यात्रा पर जा रहे व्यक्ति को गाय अपने खुरों से जमीन खुरचती दिखाई दे तो आने वाले समय में उसे बीमारी का सामना करना पड़ सकता है।
  • यात्रा पर जाते समय गाय रोती हुई दिखाई दे, तो यात्री को मृत्यु के समान कष्ट होने की आशंका रहती है।
  • यात्री को गाय अपने बछड़े से मिलने के लिए रंभाती दिखाई दे, तो उसकी सभी इच्छाएं पूरी होने के योग बनते हैं।
  • जब गाय के ऊपर बहुत सारी मक्खियां बैठी हुई दिखाई दें, तो अच्छी वर्षा होने की संभावना मानी जाती है।
  • यात्रा करते समय यदि किसी व्यक्ति को दोनों ओर भैंस दिखाई दे, तो यात्री की मृत्यु होने का भय रहता है।
  • यदि किसी व्यक्ति को सांड अपनी बांई ओर से दाहिना ओर जाता हुआ दिखाई दे तो यह शुभ शकुन माना जाता है।
  •  यदि किसी व्यक्ति को यात्रा पर जाते समय सांड अपने सींग या खुर से जमीन खोदता हुआ दिखाई दे तो यह भी शुभ शकुन माना जाता है।

शकुन एवं अपशकुन - कौए से संबधी

कौए से संबधी शकुन

  •  बहुत से कौए यदि किसी नगर या गांव में एकत्रित होकर शोर करें, तो उस नगर या गांव पर भारी विपत्ति आने के योग बनते हैं। किसी के घर पर कौओं का झुंड आकर चिल्लाए तो भवन मालिक पर कई संकट एक साथ आ सकते हैं।
  • किसी व्यक्ति के ऊपर यदि कौआ आकर बैठ जाए, तो उसे धन व सम्मान की हानि हो सकती है।
  •  किसी महिला के सिर पर कौआ बैठता है, तो उसके पति को गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है।
  •  कौआ यदि यात्रा करने वाले व्यक्ति के सामने आकर सामान्य स्वर में कांव-कांव करे और चला जाए तो कार्य सिद्धि की सूचना देता है।
  • कौआ पानी से भरे घड़े पर बैठा दिखाई दे तो धन-धान्य की वृद्धि होती है।
  •  कौआ मुंह में रोटी, मांस आदि का टुकड़ा लाता दिखाई दे, तो मन की इच्छा पूरी होती है।
  •  पेड़ पर बैठा कौआ यदि शांत स्वर में बोलता है, तो स्त्री सुख मिलता है।
  •  यदि कौआ ऊपर मुंह करके पंखों को फडफ़ड़ाता है और कर्कश स्वर में आवाज करता है तो वह मृत्यु की सूचना देता है।
  • यदि उड़ता हुआ कौआ किसी के सिर पर बीट करे, तो उसे रोग व संताप होता है और यदि हड्डी का टुकड़ा गिरा दे, तो उस व्यक्ति पर भारी संकट आ सकता है।
  •  यदि कौआ पंख फडफ़ड़ाता हुआ उग्र स्वर में बोलता है, तो यह अशुभ संकेत है।

शकुन एवं अपशकुन - उल्लू से सबंधी

उल्लू से सबंधी शकुन

  •  यदि कोई उल्लू किसी के घर पर बैठना प्रारंभ कर दे, तो वह घर शीघ्र ही उजड़ सकता है और उस घर के मालिक पर कोई विपत्ति आने की संभावना बढ़ जाती है।
  •  दक्षिण अफ्रीका में उल्लू की आवाज को मृत्युसूचक कहा जाता है।
  •  चीन में उल्लू दिखाई देने पर पड़ोसी की मृत्यु का सूचक मानते हैं।
  •  यदि उल्लू रात में यात्रा कर रहे व्यक्ति को होम-होम की आवाज करता मिले तो शुभ फल मिलता है, क्योंकि इसी प्रकार की ध्वनि यदि वह फिर करता है तो उसकी इच्छा रमण करने की होती है।
  • यदि किसी घर की छत पर बैठ कर उल्लू बोलता है तो उस घर के स्वामी अथवा परिवार के सदस्य की मृत्यु होने की संभावना रहती है।

शकुन एवं अपशकुन - विविध

घर  में रोजाना काम में आने वाली चीजों से भी शकुन-अपशकुन जुड़े होते हैं, जो जीवन में कई महत्वपूर्ण मोड़ लाते हैं। शकुन शुभ फल देते हैं, वहीं अपशकुन इंसान को आने वाले संकटों से सावधान करते हैं। यहाँ घर से जुड़ी वस्तुओं के शकुनों के बारे में बता रहे हैं।

दूध सबंधी शकुन

  • सुबह-सुबह दूध को देखना शुभ कहा जाता है।
  • दूध का उबलकर गिरना शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख-शांति, संपत्ति, मान व वैभव की उन्नति होती है।
  • दूध का बिखर जाना अपशकुन मानते हैं, जो किसी दुर्घटना का संकेत है।
  • दूध को जान-बूझकर छलकाना अपशकुन माना जाता है , जो घर में कलह का कारण है।

हस्त रेखा - भाग्य रेखा


भाग्य रेखा - हृदय रेखा के मध्य से शुरु होकर मणिबन्ध तक जाती है। इस रेखा का उद्गम अधिकतर मध्यमा या शनि पर्वत से होता है।
  1. यदि किसी व्यक्ति की हथेली में भाग्य रेखा कलाई के पास मणिबंध से प्रारंभ होकर शनि पर्वत तक गई हो और दोष रहित है तो व्यक्ति भाग्यशाली होता है। ऐसे लोग जीवन में हर सफलताएं प्राप्त करते हैं। ऐसा व्यक्ति बहुत महत्वाकांक्षी और लक्ष्य पर केन्द्रित रहने वाला होता है।
  2. यदि हथेली में भाग्य रेखा जीवन रेखा से प्रारंभ हो और दोष रहित है तो ऐसे व्यक्ति खुद की मेहनत से काफी अधिक धन प्राप्त करता है। ऐसे व्यक्ति को अपने जीवन में धन से संबंधित परेशानियों का कभी सामना नहीं करना पड़ता।
  3. जिन लोगों की हथेली में भाग्य रेखा चंद्र क्षेत्र से प्रारंभ हुई है, वे दूसरों की मदद या प्रोत्साहन से सफलता प्राप्त करने वाले हो सकते हैं। और ऐसा व्यक्ति अपने जीवन में मान-सम्मान भी खूब प्राप्त होता है।
  4. यदि चंद्र पर्वत से निकलकर कोई अन्य रेखा भाग्य रेखा के साथ-साथ चले तो व्यक्ति की शादी अत्यंत धनी परिवार में होती है। वह व्यक्ति किसी स्त्री की मदद से सफलताएं प्राप्त करता है।
  5. यदि भाग्य रेखा हथेली को पार करते हुए मध्यमा उंगली (मिडिल फिंगर) तक जा पहुंचे तो यह अशुभ योग दर्शाती है। ऐसा व्यक्ति खुद की गलतियों से हानि उठाता है।

हस्त रेखा - हृदय रेखा

हथेली पर हृदय रेखा मस्तिष्क रेखा के उपर और अंगुलियों के नीचे होती है (चित्र में रेखा न. 3 ). हथेली में हृदय रेखा का अपना विशिष्ट स्थान है, यह रेखा अधिकांशत विवाह रेखा यानि सबसे छोटी अँगुली के लगभग एक इंच नीचे से निकल कर किसी क्षेत्र पर जा सकती है व किन्हीं भी रेखाओं से इनका संबंध हो सकता है।इसकी समाप्ति स्थान मुख्यतः गुरु पर्वत यानि तर्जनी अंगुली के नीचे होता है, लेकिन कभी-कभी इसका अंत शनि पर्वत या सूर्य पर्वत पर ही हो जाता है। किसी-किसी के हाथ में ये रेखा होती ही नहीं और किसी- किसी की हथेली में इस रेखा का मिलन मस्तिष्क रेखा पर होता है। 

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